युवा बल्लेबाज विराट कोहली (118) के शतकीय पराक्रम और युवराज सिंह (58) तथा सुरेश रैना (नाबाद 71) की शानदार अर्धशतकीय पारियों के दम पर भारत ने 290 रन का विशाल लक्ष्य होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को दूसरे एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में पाँच विकेट से पराजित कर दिया।
भारत ने इसके साथ ही विशाखापट्टनम में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर ली और तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। कोच्चि में पहला वनडे वर्षा के कारण रद्द रहा था। महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तान के रूप में यह 50वीं जीत है।
'मैन ऑफ द मैच' कोहली ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए अपना तीसरा वनडे शतक बनाया और वह भारत की इस शानदार जीत के सूत्रधार रहे। कोहली ने 121 गेंदों में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से बेहतरीन 118 रन बनाकर भारत को विश्व की नंबर एक टीम के खिलाफ यादगार जीत दिला दी।
भारत ने सात गेंद शेष रहते पाँच विकेट पर 292 रन बनाकर मैच अपनी झोली में डाल लिया। ऑस्ट्रेलिया ने हालाँकि कप्तान माइकल क्लार्क (नाबाद111) के पाँचवे शतक और कैमरून व्हाइट की नाबाद 89 रन की तूफानी पारी की बदौलत तीन विकेट पर 289 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया लेकिन अकेले कोहली का पराक्रम इन दोनों बल्लेबाजों पर भारी पड़ गया।
भारत ने हालाँकि अपने दो विकेट 35 रन पर गँवा दिए थे। ओपनर शिखर धवन अपने पदार्पण वनडे में खाता खोले बिना आउट हुए जबकि मुरली विजय 15 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन इसके बाद कोहली ने अपने से कहीं सीनियर युवराज के साथ तीसरे विकेट के लिए 137 रन की साझेदारी कर भारत को जीत के रास्ते पर डाल दिया।
युवराज 87 गेंदों में पाँच चौकों की मदद से 58 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन कोहली ने फिर रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 84 रन जोड़कर भारत को जीत की दहलीज पर ला खड़ा किया। कोहली सीधा ऊँचा शॉट खेलने की कोशिश में चौथे विकेट के रुप में 256 के स्कोर पर आउट हुए।
कप्तान धोनी खाता खोले बिना बोल्ड हो गएँ लेकिन रैना ने फिर भारत को और कोई नुकसान नहीं होने दिया और सौरभ तिवारी (नाबाद 12) के साथ भारत को जीत की मंजिल पर पहुँचा दिया।
रैना ने मात्र 47 गेंदों में नौ चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 71 रन ठोंके जबकि अपना पहला वनडे खेल रहे तिवारी ने अपनी पारी में दो चौके लगाए। भारत का विजयी चौका तिवारी के बल्ले से ही निकला।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से क्लाइंट मैके ने 55 रन पर तीन विकेट और जॉन हेस्टिंग्स ने 46 रन पर दो विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया को भारत दौरे में लगातार तीसरी हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले क्लार्क और व्हाइट ने सिर्फ 13.3 ओवर में चौथे विकेट के लिए 129 रन की ताबड़तोब साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया। क्लार्क ने 138 गेंदों में सात चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 111 रन बनाए जबकि व्हाइट ने बेहद खतरनाक अंदाज में खेलते हुए मात्र 49 गेंदों में छह चौके और छह गगनचुंबी छक्के उडाकर नाबाद 89 रन ठोक डाले।
व्हाइट के प्रहारों के सामने भारतीय गेंदबाज पूरी तरह बेदम नजर आए। व्हाइट ने 46वें ओवर में अपने छक्के उडाने की शुरुआत की और उन्होंने अपने छह छक्कों में से चार छक्के तो आर विनय कुमार की गेंदों पर ठोंके। व्हाइट का एक छक्का सीमारेखा को पार करता हुए दर्शकों के बीच गिरा। उन्होंने आखिरी ओवर में विनय कुमार की गेंदों पर तीन छक्के उड़ाए।
विनय के आखिरी ओवर में 23 रन पडे और वह भारत की तरफ से सबसे महँगे गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने अपने नौ ओवर में 71 रन लुटाए। प्रवीण कुमार ने 51 रन दिए जबकि आशीष नेहरा ने 57 रन पर दो विकेट लिए। ऑफ स्पिनर आर अश्विन को 34 रन पर एक विकेट मिला।
क्लार्क ने दो विकेट मात्र 16 रन पर गिर जाने के बाद माइक हसी (69) के साथ तीसरे विकेट के लिए 144 रन और फिर व्हाइट के साथ चौथे विकेट की अविजित साझेदारी में 129 रन जोड़े। इन 129 रन में अकेले व्हाइट का योगदान 89 रन का था।
भारतीय कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया। उनका फैसला उस समय तक ठीक दिखाई दे रहा था जब आशीष नेहरा ने ओपनर शान मार्श को शून्य पर बोल्ड कर दिया और उनके जोडीदार टिम पेन (9) को विनय कुमार के हाथों कैच कराया।
लेकिन इसके बाद क्लार्क ने हसी के साथ संभलकर खेलते हुए पहले टीम की स्थिति को सुधारा और फिर स्कोर को मजबूती की तरफ अग्रसर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के 100 रन 26वें ओवर में पूरे हुए थे जबकि उसके बाद 189 रन 24.3 ओवर में पूरे हुए। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जमने के बाद कितनी शानदार बल्लेबाजी की और उनके सामने भारतीय गेंदबाज कितने बेबस नजर आए।
क्लार्क ने अपना अर्द्धशतक 76 गेंदों में चार चौकों की मदद से और हसी ने अपना अर्द्धशतक 62 गेंदों में पाँच चौकों की मदद से पूरा किया। अश्विन ने हसी को पगबाधा आउट कर भारत को तीसरी सफलता दिलाई। हसी ने 78 गेंदों में पर 69 रन की अपनी पारी में सात चौके लगाए।
लेकिन इसके बाद क्लार्क और व्हाइट ने भारतीय गेंदबाजी की बखिया उधेड दी। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी दो ओवर में 39 रन बटोरे। क्लार्क ने अपना पाँचवाँ वनडे शतक 133 गेंदों में सात चौकों की मदद से पूरा किया।
फार्म के लिए जूझ रहे क्लार्क ने सही समय में फार्म में वापसी की और डेढ़ वर्ष के अंतराल के बाद जाकर अपना पाँचवाँ वनडे शतक बनाया। उन्होंने गत 30 जून को इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में नाबाद 99 रन बनाए थे। उनका पिछला शतक गत वर्ष मई में अबूधाबी में पाकिस्तान के खिलाफ बना था।
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