भोपाल। मध्यप्रदेश के महू में बाबा साहब आंबेडकर की परिनिर्माण भूमि को राजघाट के बराबर दर्जा दिलाने के लिए प्रारंभ किए जाने वाले आंदोलन से भाजपा ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी का कहना है कि उसका प्रस्तावित आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि डॉ.आबेडकर परिनिर्माण भूमि सम्मान कार्यक्रम समिति ने अपनी उपर्युक्त मांग को लेकर 31 अक्टूबर को भोपाल से एक आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। उसकी एक मांग यह भी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को राजघाट के साथ आबेडकर की परिनिर्माण भूमि पर भी ले जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश गजभिए ने बुधवार को यहां बताया था कि अपनी मांग पूरी होने तक सभी दलों के दलित सासद एवं मंत्रीगण गाधी परिवार के सदस्यों और राष्ट्रपिता के समाधि स्थल राजघाट का बहिष्कार करेंगे।
इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद थावरचंद गहलोत ने कहा कि उन्हें इस तरह के आंदोलन की कोई जानकारी नहीं है और न ही इसका भाजपा से कोई संबंध है। गहलोत के मुताबिक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्या कहा, यह भी उन्हें नहीं पता। जहां तक आंबेडकर की परिनिर्माण भूमि का प्रश्न है तो शिवराज सरकार ने वहां दस करोड़ रूपए खर्च किए हैं। हर साल महाकुंभ होता है, जिसमें लाखों लोगों के भोजन-पानी की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
गहलोत का कहना है कि राजघाट से तुलना क्यों की जा रही है, इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते। केन्द्र सरकार राजघाट को विशेष दर्जे के तहत कौन सी सुविधाएं दे रही है, इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद प्रभात झा ने भी कहा कि इस आंदोलन से पार्टी का कोई वास्ता नहीं है।
दरअसल इस मामले में भाजपा की भागीदारी का सवाल इसलिए उठा, क्योंकि समिति के अध्यक्ष गजभिए भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा में रह चुके हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए गजभिए को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य भी बनाया गया था।
उन्होंने राजघाट के बहिष्कार आंदोलन में भाजपा के गहलोत के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, सांसद अशोक अर्गल, लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल आदि के नाम गिनाते हुए कहा था कि ये सभी आंदोलन में भाग लेंगे।
समिति के राष्ट्रीय संयोजक टीएम कुमार ने भाजपा नेताओं के अलावा रामविलास पासवान, जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष डॉ.उदित राज, पूर्व केन्द्रीय मंत्री योगेन्द्र मकवाना, एच हनुमंथप्पा,रामदास अठवाले, सासद जीडी सीलम, टीएम कुमार, विधायक आत्माराम भाई आदि के नाम भी बताए थे। उनका कहना था कि यदि उनकी माग जल्द पूरी नहीं होती तो देश के सभी राज्यों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी शुरूआत भोपाल में 31 अक्टूबर बोर्ड आफिस चौराहे पर धरना प्रदर्शन से होगी। इसके बाद 6 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मान रैली निकाली जाएगी।
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