श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद विवाद को सुलह समझौते से हल करने के प्रयास को खारिज करते हुए आज संत उच्चाधिकार समिति ने स्पष्ट कहा कि पूरी विवादित जमीन 'रामलला' की है और इसे रामलला को सौंपने की माँग को लेकर आगामी 23 या 24 अक्टूबर को समिति का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेगा।
संत समिति ने प्रस्ताव पारित करके कहा कि रामलला विराजमान स्थल और उसके आसपास की पूरी अधिग्रहीत 70 एकड़ जमीन रामलला की है। इसे 'रामलला' को सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से भी मिला जाएगा। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा।
प्रस्ताव में कहा गया कि इसके साथ ही पूरे देश में जनजागरण अभियान चलाकर अधिग्रहीत परिसर रामलला को सौंपे जाने के लिए माहौल तैयार किया जाएगा। 21-10-2010
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