Friday, October 8, 2010

अमेरिकी दबाव में कश्मीर मुद्दा कमजोर न करे भारत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के मुद्दे पर विवाद खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथ लेते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ओबामा की भारत यात्रा से इस मामले को जोड़ते हुए सरकार को आगाह किया कि वह दबाव में पाकिस्तान को खुश करने के लिए कश्मीर मुद्दे को कमजोर करने का प्रयास न करे। जम्मू-कश्मीर मामले में देश की एकता व अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

डॉ. जोशी ने कहा कि ओबामा के भारत आने से पहले सरकार में काफी सरगर्मी है। हमें ओबामा से कहना चाहिए कि अगर वह सचमुच में आतंकवाद के विरोधी हैं तो पाकिस्तान से कहें कि वह अपने यहां भारत के खिलाफ सक्रिय सभी आतंकी अड्डों को समाप्त करे और आतंकियों को भेजना बंद करे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका एक तरफ तो पाकिस्तान को आर्थिक और सामरिक दृष्टि से हमारे खिलाफ मजबूत कर रहा है, दूसरी तरफ भारत पर दबाव बना रहा है कि कश्मीर के मामले में हम ऐसा कुछ करें जिससे पाकिस्तान खुश हो जाए। डॉ. जोशी ने कहा कि दरअसल अमेरिका अफगानिस्तान से भागना चाहता है। इसमें वह पाकिस्तान की मदद चाहता है।

भाजपा नेता ने उमर अब्दुल्ला की भी खबर लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वही भाषा बोल रहे हैं जो जम्मू-कश्मीर के मामले में बहुत से अन्य देश बोल रहे हैं। उमर का यह कहना हास्यास्पद है कि जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ, बल्कि वह भारत में शामिल हुआ है। कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान को शामिल करने की बात कहकर वे मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरणकर रहे हैं, जो खतरनाक है। वह विलय पर सवाल उठाकर आजादी की बात करने वाले अलगाववादियों की भाषा बोल रहे हैं और देश की एकता और अखंडता को चुनौती दे रहे हैं, जिसे सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने उमर पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अब भले ही अपनी बात पर लीपापोती कर रहे हों, लेकिन मन की बात बोल चुके हैं। उन्होंने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे के समाधान में सिर्फ कश्मीर घाटी को नहीं, बल्कि जम्मू, लेह, लद्दाख क्षेत्रों को भी ध्यान में रखना होगा।

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