Monday, October 11, 2010

मानसिक बीमारियों से बचने के लिये जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चले

मानसिक बीमारियों से बचने के लिये जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चले

मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर शिविर व सेमिनार का आयोजन
Bhopal:Monday, October 11, 2010:


विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आज हमीदिया अस्पताल के मनोरोग विभाग में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर और सेमिनार का आयोजन किया गया। मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. आर.एन. साहू के निर्देशन में आयोजित मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में मनोरोग के चिकित्सकों ने 100 से अधिक लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें उपचार व सलाह प्रदान की।

शिविर के बाद गंभीर शारीरिक रोगों से सम्बद्ध मानसिक समस्याओं पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. निर्भय श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डी.के. पॉल, फारेन्सिक मेडीसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. भानू दुबे, मेडीसिन विभागाध्यक्ष डॉ. व्ही.के. शर्मा, मानसिक रोग के विभाग प्रमुख डॉ. आर.एन. साहू सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित थे। सेमीनार को संबंधित करते हुए डॉ. निर्भय श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होता कि उनकी शारीरिक समस्याओं के मूल में मानसिक परेशानियां हैं, इसलिये सरल भाषा में आम लोगों को जानकारी देने के लिये जागरूकता कार्यक्रमों का सिलसिला सतत जारी रहना चाहिये। जागरूकता कार्यक्रमों में अन्य विभागों के चिकित्सकों को भी शामिल किया जाना चाहिये।

सेमीनार के तकनीकी सत्र में मनो-शारीरिक समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए डॉ. आर.एन. साहू ने बताया कि कई प्रकार के गंभीर मानसिक तनाव व भावनात्मक परेशानियां शारीरिक समस्याओं और गंभीर बीमारियों को जन्म देती हैं। यदि कोई लगातार अवसाद या डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्या से पीड़ित रहता है तो उसमें कैंसर होने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। तनाव में लगातार रहने से ह्रदय रोग भी जन्म लेता है। यहां तक कि तीव्र तनाव की स्थिति में शरीर कई तरह के संक्रमणों के लिये भी संवेदनशील हो जाता है। डॉ. साहू ने बताया कि मानसिक बीमारियों से बचने के लिये सकारात्मक दृष्टिकोण रखना एवं खुश रहना आवश्यक है ताकि हम मानसिक समस्याओं से बच सकें और हमारा शरीर भी स्वस्थ रहे। डॉ. साहू ने मनो-शारीरिक समस्या से पीड़ित एक मरीज के केस का प्रस्तुतिकरण भी किया। इस मौके पर डॉ. व्ही.के. शर्मा ने बताया कि ऐसे मरीज जो सामान्य चिकित्सकों से उपचार लेते हैं उनकी मानसिक समस्याओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है। डॉ. भानू दुबे एवं डॉ. पॉल ने भी अपने उद्बोधन में शारीरिक समस्याओं से पीड़ित मरीजों की मानसिक जांच कराने पर जोर दिया।

प्रारंभ में डॉ. निर्भय श्रीवास्वत ने दीप प्रज्जवलित कर सेमीनार का उद्घाटन किया। अतिथियों ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, सीहोर के अंतर्गत मिर्गी बीमारी पर आधारित सरल भाषा में तैयार बुकलेट का विमोचन भी किया। सबेरे 10 बजे से आयोजित शिविर में डॉ. साहू के अलावा सहायक प्राध्यापक डॉ. जे.पी. अग्रवाल, जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डॉ. आर.के. बैरागी, चिकित्सा मनोवैज्ञानिक राहुल शर्मा, चिकित्सक डॉ. कुलदीप आदि ने मानसिक रोगियों का परीक्षण किया। शिविर और सेमीनार के अवसर पर चिकित्सा एवं मनोविज्ञान के अनेक छात्र-छात्राएं, चिकित्सक भी मौजूद थे।

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