भोपाल। अगले हफ्ते भारत की यात्रा पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर दबाव बनाने के लिए भोपाल के गैस पीड़ित भी सक्रिय रहेंगे। इस बारे में गैस पीड़ितों की तरफ से प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को एक चिट्ठी लिखी जा रही है, जिसमें उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति से वारेन एण्डरसन के प्रत्यर्पण के बारे में भी चर्चा करें। ताकि भोपाल के हजारों लोगों की मौत का कारण बने एण्डरसन को उसकी गलतियों की सजा मिल सके।
याद रहे कि इसी वर्ष 7 जून को भोपाल की सीजेएम कोर्ट ने वारेन एण्डरसन सहित अन्य आरोपियों को दो-दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। पर इस मामले में भारत सरकार के रवैये से भोपाल के गैस पीड़ित संगठनों में निराशा है और वह मानकर चल रहे हैं कि उनकी लड़ाई को मुकाम मिलने वाला नहीं है।
पिछले पच्चीस वर्षो से भोपाल के गैस पीड़ितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने 'जागरण' से कहा कि दुनिया की भीषणतम रासायनिक गैस त्रासदी का सबसे दुखद पहलू यह है कि दोनों अमेरिकी कंपनियों यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल ने अब तक कोई जवाबदारी नहीं ली है। भोपाल की सीजेएम कोर्ट से यूनियन कार्बाइड के सर्वेसर्वा होने के नाते वारेन एण्डरसन को दो साल की सजा के बाद भारत सरकार ने गैस पीड़ितों के प्रति जो सहानुभूति दिखाई थी, वह भी धीरे-धीरे पुरानी बेरुखी की तरफ लौट रही है।
जब्बार ने कहा कि प्रधानमंत्री यदि 27/ 11 के मुम्बई हमले के आरोपी हेडली के बारे में ओबामा से बात कर सकते हैं तो एण्डरसन के बारे में उन्हें हर हाल में चर्चा करना चाहिए। क्योंकि एण्डरसन तो भोपाल के 15 हजार निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेदार है।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए भोपाल के गैस पीड़ित 11 नवम्बर को दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले थे पर सरकारी बंदिश के कारण अब 10 नवम्बर को भोपाल में प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली में किया जाने वाला प्रदर्शन 22 नवम्बर को होगा।
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