Thursday, October 21, 2010

जरूरी है पर्सनल हाइजीन का ध्यान

जरूरी है पर्सनल हाइजीन का ध्यान
रोज की भाग-दौड़ में हम सारे काम तो निपटाते चले जाते हैं, लेकिन पर्सनल हाइजीन के लिए समय नहीं निकाल पाते। अगर आप चाहती हैं कि आप कई बीमारियों व संक्रमण से बची रहें, तो पर्सनल हाइजीन को इग्नोर न करें : महिला और पुरुष दोनों के लिए हाइजेनिक होना बेहद जरूरी है। लेकिन महिलाओं के लिए यह थोड़ा ज्यादा जरूरी हो जाता है, क्योंकि हाइजीन की जरा सी भी चूक होने पर महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से रूबरू होना पड़ जाता है।
बार- बार हाथ धोएं
दिन भर हमारे हाथों को जाने कितने ही बैक्टीरिया के संपर्क से गुजरना पड़ता है। कोल्ड और फ्लू का इन्फेक्शन सबसे ज्यादा हाथों और मुंह से ही होता है, इसलिए हाथों को साफ रखने से आप कई बीमारियों से बच सकती हैं। हाथों को साफ करने के लिए सोप का इस्तेमाल जरूर करें। खाना खाने के बाद, पेट्स के साथ खेलने के बाद या टॉयलेट से आने के बाद- हैंड वॉश बहुत जरूरी है। गार्डनिंग करते समय ग्लव्स पहन लीजिए। और हां, एक बात का ध्यान और रखें कि हाथ जितनी बार धोएं, उतनी बार उनको सूखाएं भी।
पसीने की बदबू
सफाई न रखने से पसीने की बदबू आने लगती है। पसीना से निकलने वाले केमिकल फेरामॉन्स को अगर समय- समय पर साफ न किया जाए, तो वह स्मैल देने लगते हैं। इसके अलावा, गंदे कपड़े पहनने से भी बदबू आती है। अगर आपको बहुत पसीना आता है और आप उसे बार- बार साफ नहीं कर पाते, तो नहाने के पानी में नीबू या तुलसी की पत्तियां डालें। कुछ ही दिनों में स्मैल की दिक्कत कम होती जाएगी। पसीने की बदबू से बचने ढेर सारा परफ्यूम या डिओ इस्तेमाल कर लेने का कोई मतलब नहीं है।
सांस की बदबू
अगर आपके सांसों में बदबू आती है, तो लोग आपसे बात करने से बचने लगते हैं। इसलिए अगर आप इस दिक्कत से बचना चाहती हैं, तो आपको ओरल हाइजीन का खास ख्याल रखना ही होगा। डेंटिस्ट डॉ. राजन मेहरा का कहना है, च्हमें जब दांतों की कोई दिक्कत होती है, तभी हम डेंटिस्ट के पास जाते हैं। जो गलत है। बिना किसी दिक्कत के भी नियमित अंतराल पर दांत दिखाते रहने चाहिए। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। ब्रश करने के बाद किसी अच्छे माउथ वॉश या माउथ स्प्रे का इस्तेमाल करें। फ्लेवर्ड च्यूइंगम भी सांसों को कुछ समय के लिए महकाने का अच्छा ऑप्शन है।
पीरियड्स के दौरान
पीरियड्स के दौरान नहाते समय बाकी दिनों के बजाय ज्यादा क्लीनिंग करें। नैपकिन दिनभर में चार से पांच बार बार बदलें। वॉश रूम से आने के बाद हाथों को माइल्ड सोप से साफ करें। टाइट या सिंथेटिक अंडरवेयर पहनना अवाइड करें। कॉटन अंडरवेयर पहनें और दिन में दो बार चेंज करें।
इस तरह छोटी - छोटी बातों का ध्यान रखने से आप कई बीमारियों व संक्रमण से बची रह सकती हैं।
Date: 29-09-2010 Time: 01:01:

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