Tuesday, October 12, 2010

सेमेस्टर प्रणाली पर मंथन कर सुधार किया जाएगा : श्री लक्ष्मीकांत शर्मा

सेमेस्टर प्रणाली पर मंथन कर सुधार किया जाएगा : श्री लक्ष्मीकांत शर्मा

अतिथि विद्वानों के लिए नीति बनेगी, शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यो की राज्य स्तरीय बैठक
Bhopal:Tuesday, October 12, 2010:


उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा है कि सेमेस्टर प्रणाली में सुधार के लिए विशेषज्ञों के साथ मंथन किया जाएगा। अगली शिक्षा सत्र से सेमेस्टर प्रणाली की कमियों को दूर कर लिया जाएगा और प्राचार्यों के सुझावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। श्री शर्मा आज यहाँ समन्वय भवन में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि भवन विहीन महाविद्यालयों में भवन निर्माण की एक योजना तैयार की गई है। लगभग तीन करोड़ की लागत से महाविद्यालय भवन की एक माडल डिजाईन तैयार की गई है। जल्दी ही इस योजना को लागू करने के बारे निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों के संबंध में भी नई नीति शीघ्र तैयार की जाएगी। अगले शिक्षा सत्र से अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए आवेदन आन लाईन राज्य स्तर पर प्राप्त कर शैक्षिणिक सत्र के पूर्व नियुक्तियां कर दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में अतिथि विद्वानों की व्यवस्था का भी अध्ययन किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री प्रभांशु कमल और आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राजीव रंजन भी उपस्थित थे।

महाविद्यालय के प्राचार्यों ने एक प्रमुख समस्या यह बताई की जनभागीदारी, यू.जी.सी और अन्य मदों से होने वाले निर्माण कार्यों में लोक निर्माण विभाग द्वारा समय पर कार्य नहीं करने से लागत बढ़ जाती है। कार्य अधूरे रह जाते है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पर लोक निर्माण विभाग से चर्चा की जाएगी और महाविद्यालय स्तर पर एक ऐसी निर्माण समिति गठित करने पर विचार किया जाएगा जिसमें सभी प्रमुख लोग हो। यह समिति गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करेगी। प्राध्यापकों और स्टाफ की कमी की समस्याओं पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों में बढ़ी हुई विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए पदों का नया सेटअप तैयार कर मंत्रिपरिषद के सामने ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राचार्यों को अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया जाएगा ताकि उनके अधीनस्थ प्राध्यापकों और कर्मचारियों का प्रशासनिक नियंत्रण बेहतर एवं अनुशासित ढ़ंग से हो सके।

श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सभी प्राचार्यों से उनके महाविद्यालय की समस्याओं और उपलब्धियों तथा भविष्य की योजनाओं के संबंध में लिखित प्रतिवेदन बुधवार तक देने के लिए कहा। इस प्रतिवेदन पर छ: माह के भीतर कार्यवाही सुनिश्चित करने का आश्वासन देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि छ: माह बाद पुन: प्राचार्यों की बैठक होगी और उसमे समस्याओं के निराकरण की समीक्षा की जाएगी और निदान नहीं करने के लिए जवाबदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी समितियों से लाभ हुआ है। स्थानीय स्तर पर संसाधन जुटाने में सफलता मिली है और उच्च शिक्षा से समाज जुड़ा है। उन्होंने यू.जी.सी. से अधिकतम फन्ड लेने और महाविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्स बड़ी संख्या में शुरू करने के निर्देश दिये।

प्राचार्यों ने इस बैठक को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव के लिए महत्वपूर्व अवसर बताया। यह पहला मौका है जब प्रदेश में महाविद्यालीन प्राचार्यों की बैठक उच्च शिक्षा में सुधार के लिए हो रही है। कल जनभागीदारी समितियों के अध्यक्षों की बैठक भी प्राचार्यों के साथ होगी। यह बैठक खुले मंच के रूप में हुई जब उच्च शिक्षा के मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा और प्रमुख सचिव और आयुक्त सामने बैठकर प्राचार्यों से उनकी दिक्कतें सुन रहे थे, और शिक्षा में सुधार के उनके सुझाव नोट कर रहे थे।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री प्रभांशु कमल ने बैठक के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि अकादमिक कलेण्डर का दृढ़ता से पालन, गुणवत्ता और रोजगारोंमुखी शिक्षा बढ़ाने के साथ ही सकल प्रवेश अनुपात बढ़ाने का सरकार का लक्ष्य है। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राजीव रंजन ने प्राचार्यों को समय पर आनलाईन जानकारियां भेजने के निर्देश दिये। सुबह 11 बजे शुरू हुई यह बैठक शाम 6 बजे तक चली। उच्च शिक्षा मंत्री उद्घाटन के बाद केबिनेट बैठक में भाग लेने के उपरान्त अन्त तक बैठक में उपस्थित रहे। इस दौरान कुलपति इंदौर विश्वविद्यालय श्री पी.के.मिश्रा, श्रीमती शशि राय, इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक श्री के.एस. तिवारी और सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती शोभना मारु और ई लाइब्रेरी के संबंध में विशेषज्ञों ने प्राचार्यों को जानकारी दी। जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की बैठक आज शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यो के साथ जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की संयुक्त बैठक बुधवार 13 अम्टूबर से 10:30 बजे को समन्वय भवन में होगी।




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