भाजपा का मुख्य एजेंडा भष्टाचार, महंगाई और सीबीआई का कथित दुरुपयोग
गुवाहटी में शनिवार से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरु हो रही है. इस दौरान कांग्रेस के खिलाफ़ अलग-अलग मोर्चों पर लड़ने के लिए भाजपा खुद को लामबंद करेगी.
दो दिवसीय इस बैठक के दौरान भाजपा का मुख्य एजेंडा है भष्टाचार, महंगाई और सीबीआई के कथित दुरुपयोग के मुद्दों पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति तय करना.
पार्टी ने घोषणा की है कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ एक विशेष प्रस्ताव लाएगी जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल, आदर्श सोसायटी जैसे कथित घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग दोहराई जाएगी.
नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में भाजपा की ओर से कांग्रेस नेतृत्व को बोफोर्स मुद्दे पर नए सिरे से घेरने की भी योजना है.
ग़ौरतलब है कि बोफोर्स मामले पर आयकर न्यायधिकरण की रिपोर्ट आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर प्रहार तेज़ कर दिया गया है. इस रिपोर्ट में पाया गया था कि बोफोर्स तोपों के सौदे में भारतीय व्यापारी विन चड्डा और इतालवी व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोकी को रिश्वत दी गई थी.
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि वो केंद्रीय सरकार के स्तर पर हो रहे कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को ही नहीं, बल्कि असम में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों पर लगे धांधली के आरोंपों को भी जनता तक ले जाएंगे.
गडकरी ने कहा, ”जो भ्रष्टाचार कांग्रेस के राज में दिल्ली में चल रहा है, उसे देखकर असम के भी नेता कह रहे हैं कि वो भी पीछे नहीं हटेंगें भ्रष्टाचार के मामले में. इसके कारण असम में विकास का फल जो आम आदमी तक पहुंचना चाहिए, वो नहीं पहुंच रहा है.”
आरएसएस बनाम कांग्रेस
आगामी मार्च में होने वाले असम विधानसभा चुनावों की रणनीति भी इस बैठक में तय की जाएगी.
कार्यकारिणी बैठक से पहले शुक्रवार को गुवाहटी में प्रदेश अध्यक्षों औऱ महासचिवों की बैठक हुई.
इस बीच खबरें आईं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि आरएसएस के गिरफ्तार नेता स्वामी असीमानंद ने कबूल किया है कि वो और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट की साज़िश में शामिल थे.
इस पर कांग्रेस ने एक बार फिर दोहराया कि आरएसएस देश के लिए बड़ा ख़तरा बनता जा रहा है.
इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद के साथ हिंदुत्व को जोड़कर सांप्रदायिक राजनीति कर रही है और भ्रष्टाचार के मुद्दे से लोगों को ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.
प्रसाद ने कहा, ”असीमानंद के नाम पर संघ को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है. नेहरु और इंदिरा गांधी भी संघ के विकास को नहीं रोक सके. सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह में भी इतना दम नहीं है कि राष्ट्रभक्त संघ की बढ़ोत्तरी को रोक सके.”
पिछले महीने हुए कांग्रेस महाधिवेशन में हिंदू चरंपंथ का मुद्दा छाया रहा था और अब स्वामी असीमानंद के बयान के बाद कांग्रेस को संघ परिवार पर प्रहार करने का एक और मौका मिल गया है.
ऐसे में देखना ये होगा कि भाजपा अपनी कार्यकारिणी की बैठक में बचाव की मुद्रा अपनाती है या प्रहार की.
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