Saturday, January 8, 2011

चार सहकारी बैंकों पर पड़ सकते हैं ताले

चार सहकारी बैंकों पर पड़ सकते हैं ताले
भोपाल, 8 जनवरी 2011। आर्थिक अनियमितता और घोटालों के चलते प्रदेष में सहकारी बैंक डूबने की कगार पर आ पहुंची हैं। सूबे की चार सहकारी बैंकों में तो ताले लगने के हालत सुधरने की बजाय खराब होती जा रही है। वर्तमान में जबलपुर मंडल की मण्डला, सिवनी के अलावा रीवा और ग्वालियर की जिला सहकारी बैंक बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। उक्त बैंक धारा-11 (1) का अनुपालन नहीं कर पा रही है। इस धारा में वे बैंक आती हैं, जिनके एनपीए (नॉन परमारमिंग असिस्ट) यानी डूबत और संदिग्न ऋणों की बसूली नहीं हो पाती है अर्थात बैंक अंष पूंजी नहीं बचा पाती है, तो इनका लायसेंस निरस्त हो सकता है। रिजर्व बैंक आफॅ इंडिया ने कमजोर वित्तीय स्थिति की बैंकों को सुधरने के लिये मार्च 2012 तक का समय दिया है। यदि इस समय तक जिन बैंकों की वित्तीय स्थिति नहीं सुधरेगी, उन बैंकों का लायसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। इसमें सहकारी बैंक भी शामिल हैं।

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