भोपाल 3 जनवरी 2011। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश के आदिवासी और अल्प विकसित जिलों के लिये भारत सरकार की पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) योजना के अंतर्गत आजीविका प्रबंधन, कौशल उन्नयन और सड़क पुल-पलिया के कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विधानसभा के समिति कक्ष में इस संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में संबंधित जिलों के प्रभारी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, श्री अजय विश्नोई, श्री उमाशंकर गुप्ता, श्री नागेंद्र सिंह, श्री देवसिंह सैय्याम, श्री राजेंद्र शुक्ल और श्री नानाभाऊ माहोड़, मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के.राउत, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री आर.परशुराम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री दीपक खांडेकर और सचिव श्री एस.के.मिश्रा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार ने योजना के अंतर्गत प्रदेश के आठ जिलों सीधी, बालाघाट, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला और सिवनी का चयन किया है। इन सभी जिलों के अल्प विकसित विकास खण्डों में बी.आर.जी.एफ. योजना के अंतर्गत दो वर्ष में ग्रामीण सड़क निर्माण, पेयजल, आजीविका एवं कौशल उन्नयन, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी अधोसंरचना विकास और नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन के कार्य किये जायेंगे। वर्ष 2010-11 और वर्ष 2011-12 की योजना अवधि में योजना के अंतर्गत इन जिलों में 440 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। इस राशि में से प्रति जिला 25 करोड़ रूपया वर्ष 2010-11 में और प्रति जिला 30 करोड़ रूपया वर्ष 2011-12 में व्यय किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत प्रदेश के सिंगरौली जिले को शामिल करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में वर्ष 2010-11 की शेष अवधि में सभी जिलों में योजना पर तेजी से अमल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसी माह की 5 तारीख को योजना में शामिल जिलों की वर्ष 2010-11 की कार्ययोजना बनाकर संबंधित प्रभारी मंत्रियों से अनुमोदित करवायी जाये। श्री चौहान ने कहा कि योजना के अंतर्गत किये जाने वाले विकास और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये।
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