Saturday, November 27, 2010

न्यूयॉर्क का एक डॉक्टर अपनी तलाकशुदा पत्नी से वह किडनी मांग रहा है जो उसने 2001 में पत्नी को दान में दी थी. अब या तो उसे




Dawnell Batista, wife of Richard Batista, who sought reimbursement for a kidney he donated

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Judge rejects Long Island doctor Dr. Richard Batista's bid to charge estranged wife for kidney


Dr. Richard Batista was seeking reimbursement for a kidney he donated to his estranged wife.
DelMundo for NewsDawnell Batista, wife of Richard Batista, who sought reimbursement for a kidney he donated. Related NewsArticles
Batista's wife's new claim nothing to sniff atWhere has my kidney been?A Long Island judge rejected a doctor's bizarre request that his estranged wife fork over $1.5 million for a kidney he donated to her while they were still happily married.

Dr. Richard Batista's bid to have the organ he gave his wife, Dawnell, in 2001 valued like other marital assets was denied Wednesday on the grounds it would violate public policy.

"At its core, the defendant's claim inappropriately equates human organs with commodities," Suffolk County Special Referee Jeffrey Grob declared in a 10-page ruling.

Grob cited state law making it a felony for people to give or take money for a human organ.

"While the term 'marital property' is elastic and expansive ... its reach, in this court's view, does not stretch into the ethers and embrace ... human tissues or organs," Grob wrote.

The latest legal twist in the ugly battle dubbed the Kidney Divorce came after Batista and his wife, who have three children, accused each other of being unfaithful.
मुझे एक बेतुके मुकदमे के बारे में पता चला जिसमें न्यूयॉर्क का एक डॉक्टर अपनी तलाकशुदा पत्नी से वह किडनी मांग रहा है जो उसने 2001 में पत्नी को दान में दी थी. अब या तो उसे वह किडनी चाहिए या उसके एवज़ में डेढ़ मिलियन डौलर की रकम चाहिए.
डेली न्यूज़ की वेबसाईट में छपी खबर के मुताबिक डॉक्टर रिचर्ड बटिस्टा ने अपनी पत्नी पर उसके फ़िज़िओथेरेपिस्ट से अवैध सम्बन्ध रखने का आरोप लगाया. बेहद कड़वी मुकदमेबाजी के बाद रिचर्ड को तलाक तो मिल गया पर उसके तीन बच्चों की परवरिश उससे छिन गयी. इस सबसे खिन्न होकर उसने उसने अपनी पत्नी को दान में दी गयी किडनी को वापस उसे सौंपने के लिए आवेदन दिया. बटिस्टा ने कहा - "मैंने उसे किडनी दान में दी थी क्योंकि मैं अपने वैवाहिक जीवन को खंडित होने से बचाना चाहता था. किडनी दान देने का पहला उद्देश्य उसके जीवन की रक्षा करना था. इससे यह उम्मीद भी थी कि हमारे सम्बन्ध मधुर हो जायेंगे."
जून, 2001 में किडनी प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन हो गया. बटिस्टा के अनुसार उसे उम्मीद थी कि उसकी पूर्ण स्वस्थ हो चुकी पत्नी उसके दान का महत्व, उसकी कीमत समझेगी पर 'कुछ भी नहीं बदला'.
सच्ची दानशीलता इसमें है कि शुद्ध मन से बिना किसी गर्व, घमंड, दिखावे, लाभ, या बदले में कुछ पाने की कामना से दान दिया जाए. ऐसा दान हमें 'मैं, मेरा, मेरे लिए' की अस्वस्थ भावना से मुक्त करता है और हमारे विचारों को पवित्र बनाता है. इसके द्वारा हम जीवन की विहंगमता को और अधिक पूर्णता में स्वीकार कर पाते हैं और क्षुद्रताओं से ऊपर उठ सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह मानसिक और भौतिक दरिद्रता को दूर कर शुभ कर्मों को करने और उनके संचय को प्रोत्साहित करता है.
इस प्रकार सच्चा दान हमारे अहम् से ऊपर उठने में है और दूसरों के प्रति निःस्वार्थ भाव से कर्म करने में निहित है. किस अपिरिचित व्यक्ति को अपनी किडनी दान में देना वास्तव में बहुत बड़ा दान है. अपने किसी प्रिय परिचित को किडनी दान में देना भी उतना ही विशाल शुभ कर्म है. किसी परिचित को किडनी या कोई अन्य महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दान देने के उपरान्त निज-सम्बन्ध से जनित महती उपकार करने की भावना आ जाती है जिसे हम आम बोलचाल में अहसान लादना कह सकते हैं. इसके विपरीत किसी अजनबी को दान देने के बाद आप उसे भूल भी सकते हैं.
बटिस्टा ने अपनी पत्नी को किडनी दान करने का निर्णय प्रेम के वशीभूत होकर ही लिया होगा पर इस निःस्वार्थ प्रतीत होने वाले कर्म के पीछे भी कुछ उद्देश्य छुपे थे जो गलत भी नहीं थे. बटिस्टा के अनुसार वह अपने वैवाहिक जीवन को पुनः स्वस्थ, खुशहाल, और चिरस्थाई बनाना चाहता था. जब ऐसा नहीं हुआ तो उसने अपने निवेश को वापस ले लेने का निर्णय कर लिया. पत्नी से मिले धोखे ने बटिस्टा के भीतर उसके और उसकी पत्नी के बीच न पटने वाली दूरी पैदा कर दी और वह धीरे-धीरे अपने में ही सिमटता रह गया.
मैं अपने पाठकों से यह प्रश्न करता हूँ कि क्या हम किसी और के शरीर में प्रत्यारोपित किडनी को अपना अंग कह सकते हैं? यह देखना ही कितना विस्मयपूर्ण है कि मनुष्यों में 'मैं और मेरा' की भावना इतनी गहरी है कि यह शरीर से अलग हो चुके अंग पर भी अपना अधिकार जताती है. मैंने तुम्हें अपने शरीर का टुकड़ा दिया और तुमने ही मुझे चोट पहुंचाई! अब मुझे मेरी किडनी वापस दो!
बटिस्टा सौजन्यपूर्ण, करुणापूर्ण, और दयालुता भरे भाव से अपनी किडनी दान में दे सकता था लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका और उसने किडनी तो दे दी पर अपने अहंकार को पोषित करता रहा.
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि कोई भी मनुष्य अपनी किडनी तभी दान में दे जब वह उसे वापस चाहने की इच्छा न करे.

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