भोपाल। मप्र विधानसभा में कार्यवाहक नेता विपक्ष चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार के घटनाक्रम पर कहा कि सदन में विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर नहीं देकर लोकतंत्र को कलंकित किया गया है। आसंदी हमारी बात सुनने को राजी नहीं हुई। स्पीकर का आचरण लोकतंत्र को हथकड़ी लगाने जैसा था।
संवाददाताओं से चर्चा करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा हक है और उसके इस अधिकार की रक्षा की जाना चाहिए। पर ऐसा न होना लोकतंत्र पर ताला लगाने के समान है। इसीलिए सदन में भी उन्होंने इस बात को कहा।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुद्दा हमारे लिए सर्वोपरि है। नियम 130 के तहत डम्परकाड पर चर्चा कराने का प्रस्ताव विधानसभा को दिया था लेकिन न्यायिक मामला बताकर चर्चा नहीं कराई जा रही है जबकि अयोध्या मामला, जैन आयोग, गैस काड जैसे प्रसंगों पर लोकसभा एवं विधानसभा में चर्चा हुई है। गैस काड तो सुप्रीमकोर्ट में चल रहा है फिर भी विधानसभा के पिछले सत्र में चर्चा हुई थी। विपक्ष ने इस बात पर सहमति दे दी थी कि डम्परकाड पर चर्चा के दौरान न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। इसके बावजूद स्पीकर ने हमारा प्रस्ताव खारिज कर दिया।
उन्होंने इस मांग को दोहराया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को स्वविवेक से भ्रष्टाचार की जाच सीबीआई से कराने की पहल करनी चाहिए। इसके लिए विपक्ष उन्हें दस दिन का समय दे रहा है। अगर यह नहीं हुआ तो विपक्षी सदस्य राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से मिलकर जाच की माग करेंगे। यह मामला जनता के बीच भी ले जाएंगे। इस मुद्दे पर आदोलन भी करेंगे। क्योंकि इस मामले की जाच तीन साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है, जिससे सरकार और लोकायुक्त पर भरोसा खत्म हो गया है। अफसरों के निवास पर 300 करोड़ की सम्पत्तिमिल रही है फिर भी सरकार भ्रष्टाचार पर चर्चा कराने को तैयार नहीं है।
26-11-2010
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