Wednesday, November 10, 2010

बावन हजार गाँवों के अन्दर बनेंगी सीमेंट कांक्रीट सड़कें

बावन हजार गाँवों के अन्दर बनेंगी सीमेंट कांक्रीट सड़कें
मनरेगा एवं विधायक निधि से होगा व्यय, राज्य सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय
भोपाल 10 नवम्बर 2010। प्रदेश के 52 हजार गाँव के अन्दर अब पक्की सीमेंट कांक्रीट सड़क बनाई जायेंगी। ये सीसी रोड महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत चलने वाले कार्यों के साथ ही विधायक निधि के योगदान से गाँव-गाँव में बनेंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने यह जानकारी देते हुये बताया कि इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों, मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मध्यप्रदेश के सभी गाँवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। श्री भार्गव ने बताया कि इसके साथ ही यह देखने में आया कि गाँव मुख्य सड़कों से तो जुड़ गये हैं लेकिन अंदर पक्की सड़कों के अभाव में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना विशेषकर बारिश के समय करना पड़ता है। इसे दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने यह तय किया है कि राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण गारंटी योजना के तहत चलने वाले कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेंट कांक्रीट सड़कें बनाई जायेंगी ताकि गाँव के अन्दर ग्रामीणों को आने-जाने में सुविधा हो इसके लिये राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत निर्धारित 60:40 की सीमा अर्थात् 60 प्रतिशत मजदूरी और 40 प्रतिशत सामग्री के अलावा अगर कोई अतिरिक्त लागत सड़क निर्माण में आती है तो उसके लिये विधायक निधि या अन्य किसी शासकीय मद से व्यय किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
जिला कलेक्टरों एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेजे गये निर्देशों में कहा गया है कि ग्रामों के आंतरिक मार्ग अथवा 500 मीटर तक की दूरी पर होने के फलस्वरूप प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित किये गये हों ऐसे ग्रामों का चयन सीमेंट कांक्रीट सड़क के कार्य के लिये किया जा सकेगा। इस नई व्यवस्था के तहत किये जाने वाले कार्यों का मनरेगा के प्रावधानों के अनुरूप ग्राम सभा, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत से अनुमोदन प्राप्त कर इसे शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल किया जायेगा। सीमेंट कांक्रीट सड़कों को ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्ययोजना में भी शामिल किया जायेगा। गाँवों में बनने वाली सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण में मनरेगा के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जायेगा और मानव श्रम के बदले मशीनरी का उपयोग एवं ठेकेदारी प्रथा पूर्णत: प्रतिबंध होगी। इन कार्यों के निर्माण स्थल पर एक सूचना फलक भी लगाया जायेगा जिसमें कार्य का नाम और उसकी कुल लागत का उल्लेख करते हुये मनरेगा मद एवं विधायक या अन्य मद से व्यय की जाने वाली राशि का स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा। इस कार्य में जॉब कार्डधारी मजदूरों को उनके द्वारा किये गये कार्यों की मजदूरी का भुगतान 15 दिन की समय सीमा में बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में खोले गये उनके खातों के माध्यम से किया जायेगा।
सीमेंट कांक्रीट सड़कों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का पूर्णत: ध्यान रखा जायेगा और इसकी गुणवत्ता जाँच के लिये मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की जिले में स्थित प्रयोगशाला में परीक्षण किया जायेगा। सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण के दौरान दिन में एक बार सहायक यंत्री द्वारा निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। इन कार्यों का भौतिक सत्यापन ग्राम स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति से कराया जायेगा। सभी मैदानी अधिकारियों को भेजे गये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माणाधीन आंतरिक मार्ग के दोनों ओर निर्मित आवासों का लेबल क्या है इस आधार पर कांक्रीट मार्ग का निर्माण किया जाये। अगर आवासों का लेबल नीचा है तो कांक्रीट मार्ग का निर्माण खुदाई कर किया जाये ताकि सड़क के दोनों ओर बने आवासों में पानी न भरे। मार्ग के दोनों ओर वी शेप ड्रेन का प्रावधान हो यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं।

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