मुख्य मंत्री की हमदर्दी
मृत उपवन क्षेत्रपाल को श्रद्धांजलि, मृतक की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति, बेटियों को डेढ़-डेढ़ लाख रूपये की सहायता
Bhopal: Friday, November 12, 2010:
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकारी अमले के प्रति सहृदयता सर्वविदित है और उन्होंने इसे जब तब अभिव्यक्त भी किया है। ऐसा ही एक वाक्या गुरुवार को उनकी छिन्दवाड़ा जिले में वनवासी यात्रा के दौरान अचानक ही पेश आ गया था। अपनी ड्यूटी पर तैनात एक उपवन क्षेत्रपाल श्री सत्येन्द्र तिवारी की हृदयघात से मृत्यु की खबर आज सुबह मुख्यमंत्री को जिले से रवानगी के मौके पर मिली। अक्सर बड़े-बड़े लोगों को उनके निधन पर श्रद्धांजलि देने की हमारी परंपरा है, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री तिवारी के प्रति भी यह भावांजलि अर्पित करना मुनासिब माना और दो मिनट का मौन रखने के साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
त्वरित कार्रवाई
उपवन क्षेत्रपाल श्री तिवारी के आश्रितों का सवाल मुख्यमंत्री की चिंता में आ चुका था। श्रद्धांजलि के फौरन बाद उन्होंने स्व. श्री तिवारी की धर्मपत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने और उनकी चार बेटियों में से हर एक के हक में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की बैंक फिक्सड डिपाजिट किये जाने का फैसला सुनाया।
रवानगी के वक्त फिर से मन की बात
पूरे एक दिन के नौ पड़ावों पर आदिवासयों से बातचीत के बाद भी मुख्यमंत्री श्री चौहान का दिल नहीं भरा था। आज सुबह जब जिले से रवानगी का मौका आया तो फिर वहाँ जमा हुए कुछ लोगों से उन्होंने मन की बात करी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महुआ, चिरोंजी जैसी जंगल की फसलों को उद्योगों और बाजार के दायरे में लाये जाने का ख्याल उनके भीतर उपज चुका है और वनवासी इस लाभ को पाने के हकदार हैं। कोदो-कुटकी जैसी फसल को उचित मूल्य दिलाये जाने की उन्होंने प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि इसके लिए जल्द एक नीति तैयार होगी। मुख्यमंत्री यह बताना भी नहीं चूके कि रात में अफसरों की बैठक में उन्होंने अफसरों को वनवासी अंचल की सड़कें दुरस्त करने की साफ हिदायत दे दी है । अन्य बुनियादी काम इस सिलसिले में शामिल रहेंगे।
बीमारियों के खात्मे पर नजर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छिन्दवाड़ा जिले में यह खास ऐलान किया कि दीर्घकालीन बीमारियों के प्रभावी उपचार के लिए अब राज्य बीमारी सहायता निधि के साथ ही स्वेच्छानुदान से भी पर्याप्त पैसा दिये जाने का रास्ता खोल दिया जायेगा।
नहीं भूलेंगे सूरमाओं की शहादत
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों के साथ आज अलसुबह की बातचीत में उन्हें हिम्मत दिलाने की मंशा से कहा कि तरक्की की जंग लड़ने में उनके साथ जनजाति के उन सूरमाओं की प्रेरणा सदा विद्यमान रहेगी जिन्होंने जान कुर्बान की हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने शहीद टंट्या भील,रघुनाथ शाह, शंकर शाह और रानी दुर्गावती के बलिदान की याद ताजा की। उन्होंने कहा कि इसीलिये आदिवासियों को अब पूरे जोश के साथ फिर से खड़े हो उठना है। जहाँ तक लड़ाई के अस्त्रों का सवाल है तो इस बार के मोर्चे में आदिवासियों के हाथ में लोक सेवा गारंटी का कानून रहेगा। उन्होंने इस कानून की बहुत सहज व्याख्या ही नहीं की, बल्कि जगह-जगह इन योद्धाओं को इस अस्त्र के इस्तेमाल की तकनीक भी समझाई। जनसम्पर्क संचालनालय ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छोटी पुस्तिकाकार में इस कानून की व्याख्या प्रकाशित कर दी है। वनवासी यात्रा के दौरान ही नहीं, प्रदेश की सभी पंचायतों तक इस पुस्तिका को उपलब्ध करा दिया गया है। यह अस्त्र लोगों के हाथ में यात्रा के दौरान खूब चमका और तो और इस पुस्तिका को प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जनजाति की प्रचलित बोलियों में ढाला गया है।
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