सीबीआई, तहलका के खिलाफ याचिका
नई दिल्ली, अजमेर विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद के इकबालिया बयान को सार्वजनिक करने के सिलसिले में सीबीआई और तहलका पत्रिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता ने दिल्ली की एक अदालत में मंगलवार को नए सिरे से याचिका दाखिल की।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय बंसल के समक्ष दाखिल आवेदन में संघ कार्यकर्ता देवेंद्र गुप्ता ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों को हटाने की माँग की और एक आपराधिक मामला दर्ज करने का अनुरोध किया। अदालत ने याचिका पर फैसला सुनाने के लिए कल की तारीख मुकर्रर की है।
गुप्ता अजमेर दरगाह में विस्फोट के मामले में फिलहाल अजमेर केंद्रीय जेल में बंद हैं। गुप्ता के वकील अनुपम एस. शर्मा द्वारा दाखिल आवेदन के मुताबिक न्याय के हित में पुलिस को यह निर्देश देना उचित होगा कि एक आपराधिक मामला दाखिल किया जाए और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों को हटाते हुए तत्काल इसकी जाँच की जाए।
राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अजमेर विस्फोट मामले में गुप्ता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। गुप्ता ने सीबीआई के अतिरिक्त एसपी टीआर बालाजी और तहलका पत्रिका के मालिक, प्रकाशक तथा संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की थी।
आरोप था कि मजिस्ट्रेट द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत रिकॉर्ड किए गए असीमानंद के इकबालिया बयान को सीबीआई ने कथित तौर पर पत्रिका को लीक किया, जो कानून का उल्लंघन है।
गुप्ता के वकीलों ने कहा था कि मीडिया कवरेज इस बात का संकेत करते हैं कि सुनियोजित तरीके से बयान लीक किया गया जिससे न्यायिक प्रक्रिया का अपमान हुआ। उन्होंने कहा था कि असीमानंद की स्वीकारोक्ति को लीक करने से पड़ोसी पाकिस्तान को अपनी अनुचित माँगों के लिए दबाव बनाने का मौका मिल गया।
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