Tuesday, February 1, 2011
अबूझमाड़- एक प्राकृतिक स्वर्ग:
अरूणेश सी दवे* अबूझमाड़- एक प्राकृतिक स्वर्ग:
दिल्ली के सियासी गलियारों से अनेकों प्रकाशवर्ष की दूरी पर एक ऐसी दुनिया है जो बाहरी दुनिया और उसके विकास के सिद्धांत से अनछुई है । उस जगह का नाम है अबूझमाड़ । जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है अबूझ मतलब जिसको बूझना संभव ना हो और माड़ मायने गहरी घाटिया और पहाड़ । यह एक अत्यंत ही दुर्गम इलाका है ।
अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में स्थित है । इसका कुछ हिस्सा महाराष्ट्र और आन्ध्रप्रदेश मे है । यदि आप गुगल मैप खोलेंगे तो आप को करीब ५००० किलोमीटर का एक ऐसा इलाका नजर आयेगा जिसमे कोई सड़्क नही है । यहां करीब २०० ऐसे गांव है जिनकी जगह बदलती रहती है क्योंकि यहां रहने वाले माड़िया आदिवासी जगह बदल बदल कर बेरवा पद्धती से खेती करते हैं
देश मे विलुप्त होते बाघो के लिये यह इलाका अत्यंत महत्वपूर्ण है । यह देश के ६ प्रमुख बाघ आश्रय स्थलो इन्द्रावती , नल्लामल्ला , कान्हा , नागझीरा ,ताडोबा और उदन्ती सीतानदी राष्ट्रीय उद्यान से जंगलो के द्वारा संपर्क मे है ।
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