Monday, February 28, 2011

पति-पत्‍‌नी को पंचों ने बनाया भाई-बहन!

मुजफ्फरनगर। सगोत्रीय विवाह के विवाद में रिश्तों की डोर उलझ गई। तीन दिन पहले साथ जीने-मरने की कसम खाने वाले दूल्हा-दुल्हन को समाज ने जुदा कर दिया। जो राजेश व पायल कल तक पति-पत्‍‌नी थे, वो पंचायत की व्यवस्था के बाद आज भाई-बहन बन गए। हालांकि दोनों अभी भी साथ रहने की जिद पर अड़े हैं, जबकि पुलिस की मौजूदगी में हुए समझौते में दोनों पक्षों में एक-दूसरे का सामान लौटाने पर सहमति बन गई।

शामली क्षेत्र के गांव नंगली जलालपुर निवासी राजेश की शादी तीन दिन पहले शाहपुर क्षेत्र के गांव दुल्हैरा की रहने वाली पायल के साथ हुई थी। पायल का गोत्र बालियान है, जबकि राजेश मलिक गोत्र से ताल्लुक रखते हैं। शादी के बाद राजेश अपनी दो बहनों के साथ पगफेरा के लिए ससुराल दुल्हैरा आया तो वहां बातों ही बातों में खुलासा हुआ कि राजेश और पायल के मामा का गोत्र एक है। दोनों की मां तोमर गोत्र से हैं। मामला सह गोत्रीय होते ही गांव में चर्चा फैल गई। बंधक बनाए जाने की सूचना पर पहुंची पुलिस दूल्हे और उसकी दोनों बहनों को थाने ले आई। पुलिस ने बहनों को तो रिश्तेदारों के साथ भेज दिया, जबकि राजेश को थाने में ही बैठा लिया।

रविवार को थाने पहुंचे राजेश और पायल के परिजनों में समझौते को बातचीत शुरू हुई। घंटों की वार्ता के बाद दोनों पक्षों में एक-दूसरे का सामान वापस करने पर सहमति बन गई। दोनों पक्षों ने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी है। उधर, राजेश और पायल साथ रहने की जिद पर अड़े हैं।

समाज के जानकारों के मुताबिक समान गोत्र के व्यक्तियों में कहीं न कहीं खून का ताल्लुक रहता है। मां का गोत्र समान होने पर भी विवाह वर्जित है। समान गोत्र में लड़का-लड़की के संबंध भाई-बहन के होते हैं।

सोरम की महापंचायत में भी गूंजा था मुद्दा

नवंबर माह में शाहपुर क्षेत्र के गांव सोरम में हुई दो दिवसीय सर्वखाप-सर्वजातीय महापंचायत में सहगोत्रीय विवाह का ही मुद्दा गूंजा था। महापंचायत के फैसले में सगोत्र में विवाह करने पर पूर्ण प्रतिबंध का ऐलान किया गया था।
28-2-2911

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