भोपाल। मध्यप्रदेश में यदि शहरों का नाम बदलने की सियासत शुरू हो गई तो प्रदेश के दर्जन भर एतिहासिक नगरों के नाम सरकार को बदलना पड़ेगे। सरकार के पास एतिहासिक नगरों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव भी विचाराधीन हैं।
ज्ञातव्य है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार प्रदेश के एतिहासिक शहरों के नाम बदलने की कवायद कर रही है। सरकार यह कवायद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सांस्कृतिक एजेंडे के तहत कर रही है। इसी कड़ी में भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल किए जाने का प्रस्ताव भी है। कांग्रेस इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है।
सरकार यदि भोपाल का नाम बदलती है तो यह तय माना जा रहा है कि प्रदेश के कई शहरों के नाम भी आने वाले दिनों में बदलने की मांग उठेगी। प्रमुख धार्मिक शहर जो कभी अवन्तिका, उज्जयिनी अवंतिपुर, के नाम से जाना जाता था। इसका नाम उज्जैन से उज्जयिनी अथवा अवन्तिका करने की माग उठ रही है। सूत्रों के अनुसार,राज्य सरकार के पास इसी तरह संस्कारधानी जबलपुर सहित एक दर्जन शहरों के नाम बदलने के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इसमें उज्जैन,इंदौर,मंदसौर,धार,माडू,अमरकंटक,वि9ि दशा,ओंकारेश्वर,ग्वालियर,महेश्वर आदि के नाम शामिल हैं।
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