Monday, February 28, 2011

सियासत के बीच राजा भोज की प्रतिमा का लोकार्पण

भोपाल। राजा भोज की सहस्त्राब्दी वर्ष का आयोजन सियासत के रंग में रंग गया है। भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल किए जाने की सियासत भी शुरू हो गई है। यद्यपि विरोध के स्वर कमजोर हैं। भोपाल के व्ही.आई.पी. रोड़ का नामकरण राजा भोज के नाम पर करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी है। लोकार्पण समारोह में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वैंकैया नायडू उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजा भोज को अपना आदर्श और मार्गदर्शक बताते हुए उनकी प्रतिमा के अनावरण को एक संकल्प की पूर्ति बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजा भोज वीर के साथ ही विद्वान, न्यायप्रिय, कलाप्रेमी, संगीतज्ञ और सुशासक थे। उन्होंने कहा कि जल-प्रबंधन और शहरी विकास की अवधारणा को देश और दुनिया में लागू करने वाले पहले शासक राजा भोज ही थे।

मुख्यमंत्री ने वी.आई.पी.रोड का नामकरण राजा भोज मार्ग किये जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजा भोज की आराध्य वाग्देवी की प्रतिमा को भी ब्रिटिश म्यूजियम से वापस लाने के लिये हर संभव प्रयास किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने राजा भोज द्वारा निर्मित बड़ी झील को भव्य और सुंदर बनाने की कार्य योजना को इसी सप्ताह अंतिम रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि बड़ी झील को न केवल देश बल्कि दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिये झील की परिधि में प्रदेश के ऐतिहासिक, सास्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करने वाला गलियारा भी बनाया जायेगा।

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य वैंकैया नायडू ने कहा कि इतिहास की अवहेलना कर कोई भी सभ्यता या राष्ट्र तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने सभी स्तर की शैक्षणिक संस्थानों में इतिहास के अध्ययन को अनिवार्य बनाये जाने की जरूरत रेखाकित की। उन्होंने राजा भोज को न केवल प्रदेश बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष की विभूति बताया। श्री नायडू ने राजा भोज को सुशासन का पर्याय बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में देश और प्रदेश का एकमात्र एजेंडा सुशासन होना चाहिये। उन्होंने राच्य शासन को राजा भोज की प्रतिमा की स्थापना और उनके राच्यारोहण के सहस्त्राब्दी वर्ष समारोहों के आयोजन के लिये साधुवाद दिया।

विधानसभा उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह ने कहा कि राजा भोज एक प्रतापी सम्राट के साथ ही धर्म, कला, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान के संरक्षक के रूप में भारतीय इतिहास की कालजयी विभूति है। श्री सिंह ने प्रतिमा की स्थापना को एक प्रेरक प्रयास निरूपित किया।

पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और भोपाल मध्य के विधायक श्री धु्रवनारायण सिंह ने कहा कि राजा भोज की प्रतिमा की स्थापना से प्रदेश में ज्ञान और विद्वता के सम्मान की परंपरा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कामना की कि प्रदेश विकसित प्रदेश बने और नागरिकों के जीवन में सुख-समृद्धि आये। श्री सिंह ने भोपाल का नाम परिवर्तित कर भोजपाल रखे जाने की भी माग की।

इसके पहले अतिथियों ने वी.आई.पी.रोड पर बने मंच से बटन दबाकर बड़ी झील के बुर्ज पर स्थापित राजा भोज की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया। अनावरण के बाद मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों ने राजा भोज को 21 हवाई फायर कर सलामी दी
28-2-2011

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