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उत्तराखंड में लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं की तुलना में गोल्यूजी न्याय देवता पर अधिक भरोसा है इसलिए लोग उनके मंदिर में जाकर न केवल मौखिक रूप से अपनी बातें कहते हैं बल्कि लिखित रूप से भी अपने आवेदनपत्र जमा करते हैं।
उत्तराखंड के अल्मोडा जिले से लगभग दस किलोमीटर दूर चितई के पास गोल्यूजी न्याय देवता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भारी संख्या में पीतल की छोटी बड़ी घंटियों को बंधा देखा जा सकता है।
मंदिर की देखरेख के कार्य में लगे शंकर सिंह गैरोला ने विशेष बातचीत के दौरान बताया कि जिन लोगों के पक्ष या विपक्ष में भी गोल्यूजी ने न्याय किया है उन लोगों ने कोर्ट फीस के रूप में ये घंटियां बांधी हैं। उन्होंने बताया कि उनको खुद यह याद नहीं है कि कब से यह प्रथा चली आ रही है लेकिन इनमें से काफी घंटियों का पचास से लेकर साठ साल पुराना होना तो मामूली बात है।
गैरोला ने बताया कि मंदिर की खासियत यह है कि लोग यहां अन्य मंदिरों की तरह आमतौर पर अपनी मन्नतें नहीं मांगते हैं बल्कि वे लोग न्याय की अपील करते हैं। न्याय की अपील के लिए मंदिर परिसर में लाखों की संख्या में कागजों पर लिखे पत्र देखे जा सकते हैं।
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