Saturday, February 5, 2011

मिस्र के ऐतिहासिक तहरीर चौक पर शुक्रवार को लाखों लोगों ने 'अल्लाह हो अकबर' और 'मुबारक गद्दी छोड़ो' के नारों के साथ हर कीमत पर आंदोलन को जारी रखने का स


मिस्र के ऐतिहासिक तहरीर चौक पर शुक्रवार को लाखों लोगों ने 'अल्लाह हो अकबर' और 'मुबारक गद्दी छोड़ो' के नारों के साथ हर कीमत पर आंदोलन को जारी रखने का संकल्प दोहराया। नाजुक हालात के बीच मुबारक ने फिलहाल पद नहीं छोड़ने का संकल्प दोहराया है।

मुबारक विरोधी आंदोलन के ग्यारहवें दिन आज धार्मिक नेताओं ने जुमे की नमाज पर अपनी तकरीर में कहा कि वह तानाशाह सत्ता के सिर को कलम करना चाहते हैं। उन्होंने आंदोलन को नौजवानों की क्रांति की संज्ञा दी।

मुबारक की खुदेगी कब्र : प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर लिए हुए हैं, जिन पर लिखा है कि 'मुबारक तुम्हारा खेल खत्म हो गया है, मुबारक गद्दी छोड़ो, तहरीर चौक पर खुदेगी मुबारक की कब्र'। प्रदर्शनकारी इस चौक से राष्ट्रपति भवन की ओर कूच करने का इरादा रखते हैं। चौक के चारों ओर सेना के जवान तैनात हैं तथा सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सेना अवाम और मुबारक में किसको चुनती है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद अलबरदेई और अरब लीग के महासचिव अम्र मूसा तहरीर चौक पर मौजूद थे। सेना ने मुबारक समर्थकों को आज चौक की ओर नहीं जाने दिया।

तहरीर चौक से कुछ दूर मुबारक समर्थकों का एक गुट मौजूद है तथा राष्ट्रपति के पक्ष में नारेबाजी कर रहा है। अल जजीरा के अनुसार आज दिन में पहली बार चौक के आसपास गोली चलने की आवाज सुनी गई। सेना ने कुछ मुबारक समर्थकों को गिरफ्तार भी किया है।

मुबारक के रुखसत होने का दिन : आंदोलनकारियों ने आज का दिन मुबारक के रुखसत होने का दिन घोषित किया था तथा अमेरिका एवं पश्चिमी देशों ने मिस्र में व्यवस्थित तरीके से सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए थे। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार मुबारक को इस बात के लिए राजी किया जा रहा है कि वे सत्ता से हट जाएँ। दूसरी ओर यूरोपीय संघ के नेताओं ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर आग्रह किया कि देश में वास्तविक सुधारों के लिए तत्काल कदम उठाएँ।

ब्रुसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ के 27 नेताओं की शीर्ष बैठक के बाद जारी बयान में मिस्र में बिगडते हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है तथा सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की गई। नेताओं ने कहा कि मिस्र में सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया तत्काल शुरू होनी चाहिए।

नहीं हटेंगे हुस्नी मुबारक : राष्ट्रपति मुबारक के पद पर बने रहने का इरादा एक साक्षात्कार में जाहिर हुआ है। उन्होंने एबीसी से गुरुवार को कहा कि वे मानते हैं कि देश को अभी उनकी जरूरत है, अगर वे इस्तीफा दे देते हैं तो देश के मौजूदा हालात में अराजकता फैल जाएगी। उन्होंने कहा कि वे इस बात की परवाह नहीं करते कि लोग उनके बारे में क्या कहते हैं पर उन्हें देश के बारे में सोचना है।

प्रदर्शनकारियों के नेताओं ने सत्ता परिवर्तन का केंद्र बने तहरीर चौक पर लोगों से इकट्‍ठा होने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे जहाँ भी हों, वहीं से समूह बनाकर तहरीर चौक, सरकारी टेलीविजन की इमारत और सबसे अहम संसद परिसर पर एकत्र हों। नेता 'मुबारक गद्दी छोड़ो, मुबारक गद्दी छोड़ो' के नारे लगा रहे हैं।

मिस्र में आज उत्सव : प्रदर्शनकारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनके नेता 'आज आखिरी दिन, आज आखिरी दिन' के नारे जोर-शोर से लगा रहे हैं। इसके अलावा वहाँ स्थानीय धुनें और संगीत का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें बज रहे गीत के बोल हैं- 'मिस्र में आज उत्सव है, उत्सव है'।

इसके अलावा वहाँ पर लोगों ने खुद सुरक्षा इंतजाम किए हैं। लोगों की तलाशी भी ली जा रही है, लेकिन यह काम बेहद सद्भावपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि आज का दिन उनके लिए बहुत खुशनुमा है क्योंकि वे आज के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने हैं और यह ऐतिहासिक क्षण हैं। तहरीर चौक पर लोग रात को वहीं घास पर सोए ताकि वे सुबह होते ही विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बन सकें।

तहरीर चौक पहुँचने वालों लोगों का जमकर इस्तकबाल किया जा रहा है। पिछले छह-सात दिनों से चौक पर जमा लोगों ने यहाँ पर घास पर लेट कर ही सर्द रातें गुजारी हैं। हालाँकि यहाँ कुछ शिविर भी लगे हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है और लोगों की तादाद के हिसाब से नाकाफी हैं।

घटनाक्रम पर अमेरिका की नजर : उधर अमेरिका ने मिस्र की 30 वर्ष पुरानी सरकार को उखाड फेंकने के लिए जारी प्रदर्शनों और हिंसक झडपों से सत्ता परिवर्तन के मुद्दे पर रणनीति बनाने के काम पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस रणनीति का एक अहम हिस्सा यह है कि अगर राष्ट्रपति मुबारक फौरन इस्तीफा देते हैं तो हालात क्या मोड़ ले सकते हैं।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने मिस्र से बातचीत की प्रकिया शुरू कर दी है और इसका मुख्य पहलू यह है कि मुबारक फौरन इस्तीफा दें, लेकिन कुछ और मुद्दों पर भी सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अमेरिका ने मिस्र की सेना की भी सराहना की है।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टामी विएटर के अनुसार राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि मिस्र में शांतिपूर्ण तथा योजनाबद्ध तरीके से सत्ता परिवर्तन की शुरुआत की जाए। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच कई पहलुओं पर बातचीत की गई है, लेकिन फैसला मिस्र के लोगों को ही लेना है।

इस्लामी मुक्ति आंदोलन : ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने मिस्र में राष्ट्रपति मुबारक को हटाने के लिए चल रहे आंदोलन को अरब जगत में 'इस्लामी मुक्ति आंदोलन' बताते हुए सलाह दी है कि वे अपनी ताकत का इस्तेमाल मिस्री अवाम के बजाय समान शत्रु इसराइल के खिलाफ करें।

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति और क्रांति के महानायक फिदेल कास्त्रो ने कहा है कि मुबारक के दिन लद गए हैं तथा अमेरिका भी अब अपने इस दोस्त को नहीं बचा सकता है। कास्त्रो ने समाचार पत्रों में लिखे अपने कॉलम में मिस्र की घटनाओं की टिप्पणी करते हुए लिखा है कि मिस्र की जनता बहुत बुद्धिमान है तथा वह मिस्र की प्राचीन सभ्यता और देश के साम्राज्यवाद विरोधी इतिहास से वाकिफ है।

अलजजीरा के कार्यालय फूँका : टेलीविजन चैनल अलजजीरा ने कहा है कि उसके मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित कार्यालय पर आज अपराह्न सशस्त्र बदमाशों ने हमला किया तथा भवन में आग लगा दी। आगजनी में कार्यालय में रखे गए उपकरण जलकर राख हो गए हैं। चैनल ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे मुबारक सरकार का हाथ है, जो मीडिया का गला घोंटने पर आमादा है।

मुस्लिम ब्रदरहुड : मिस्र के सरकार विरोधी जन आंदोलन में शामिल प्रमुख इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड ने आंदोलन में एकता बनाए की घोषणा करते हुए कहा कि वह अगले राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा। संगठन ने कहा कि वह देश में बनने वाली किसी सरकार में मंत्री पद को स्वीकार नहीं करेगा।

भारतीय सुरक्षित : भारतीय दूतावास ने बताया कि मिस्र में मौजूद 3600 भारतीय पूरी तरह सुरक्षित हैं और भारतीय दूतावास राष्ट्रपति मुबारक की सरकार के खिलाफ हो रहे हिंसक संघर्ष के मद्देनजर उनके कल्याण के लिए उनसे लगातार संपर्क में है। (एजेंसियाँ)

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