Monday, February 7, 2011

मीडिया के लिए ब्रेकिंग न्यूज बना भ्रष्टाचार

मीडिया के लिए ब्रेकिंग न्यूज बना भ्रष्टाचार

इसे आप मीडिया की बदलती भूमिका कह सकते हैं. पेड न्यूज के आरोपों से घिरी मीडिया के लिए यह राहतभरी खबर हो सकती है. टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले को उजागर करने से लेकर आदर्श सोसायटी, कामनवेल्थ गेम्म में हुए घोटाले को सामने लाने तथा सरकार को कार्रवाई करने के लिए बाध्य करने में मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सेन्टर फार मीडिया स्टडीज के एक अध्ययन में यह बात उभरकर सामने आयी है कि मीडिया ने भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से स्थान दिया है.

पिछले दो सालों में मीडिया में भ्रष्टाचार से संबंधित खबरों में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुई है. सेन्टर फार मीडिया स्टडीज का अध्ययन बताता है कि 2009 में भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को प्राइम टाइम में 1 प्रतिशत स्थान मिला था. छह न्यूज चैनलों की समीक्षा करने के बाद हमें 2010 में इसमें महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी दिखाई देती है. 2010 में इन न्यूज चैनलों (एनडीटीवी 24x7, डीडी न्यूज, जी न्यूज, आज तक, स्टार न्यूज और सीएनएन-आईबीएन) ने प्राइम टाइम में कुल खबरों का 4 प्रतिशत भ्रष्टाचार पर केन्द्रित रखा.

इसी तरह अखबारों का विश्लेषण किया गया है. अखबारों ने 2009 में भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को 1.85 प्रतिशत स्थान दिया था जबकि साल 2010 में उसने भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों के लिए फ्रण्ट पेज पर 2.82 प्रतिशत स्थान दिया है. इस अध्ययन में जो अखबार शामिल किये गये हैं उनमें दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान टाइम्स, द टाइम्स आफ इंडिया, द हिन्दू और द इंडियन एक्सप्रेस शामिल हैं.

सेन्टर फार मीिडया स्टडीज की डायरेक्टर पीएन वासंती बताती हैं कि "आम तौर मीडिया भ्रष्टाचार से जुड़े किसी मुद्दे पर तब बहस शुरू करता है जब भ्रष्टाचार उजागर होता है लेकिन अब जो नया ट्रेण्ड देखने को मिल रहा है वह यह कि मीडिया खुद पहल करके भ्रष्टाचार पर प्रहार कर रहा है और बड़े व्यावसायिक घरानों, सरकार तथा नौकरशाही को भ्रष्टाचार के सवाल पर घेर रहा है." वासंती कहती हैं कि मीडिया की इस कोशिश के लिए उसको शाबासी दी जानी चाहिए. लेकिन भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए और अधिक प्रयास किये जाने की जरूरत है.

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