Monday, February 28, 2011

आंदोलन शेरों को लाने के लिए किया जा रहा है।

भोपाल, ग्वालियर, संवाददाता।

श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर में एशियाई शेर लाने का मुद्दा अब राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने इस सेंक्चुरी में शेर लाने को विकास से जोड़कर अपना आंदोलन तेज कर दिया है और पूरे श्योपुर जिले में धरना आंदोलन की तैयारी करनी शुरू कर दी है।

जनवरी माह में श्योपुर जिले के कांग्रेस नेताओं ने एक अनोखा आंदोलन शुरू किया था। इसमें कूनो-पालपुर सेंक्चुरी में एशियाई शेर लाने के लिए उन्होंने श्योपुर शहर को ही बंद करा दिया और बाद में इस सेंक्चुरी तक एक पदयात्रा का भी आयोजन किया। इस अभियान को इलाके के लोगों का व्यापक जनसमर्थन मिलते देख वहां के नेताओं ने फिर से आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। अब कांग्रेस नेता श्योपुर के अलावा उसकी तहसीलों, विजयपुर, बड़ौदा सहित अन्य इलाकों में आंदोलन को तेज करने के उद्देश्य से मार्च के महीने में बंद रखकर लोगों को इस अभियान की जानकारी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दशक से कूनो-पालपुर सेंक्चुरी में एशियाई शेरों को लाने की तैयारी हो रही है और ये शेर गुजरात के गिर अभ्यारण्य से लाए जाने हैं, लेकिन गुजरात सरकार इन शेरों को देने के लिए राजी नहीं है। इसके अलावा राज्य की भाजपा सरकार ने भी इस दिशा में ज्यादा प्रयास नहीं किए हैं। यही कारण है कि स्थानीय कांग्रेस नेता इस मुद्दे को श्योपुर जिले के विकास से जोड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले श्योपुर में यह आंदोलन होता था कि कूनो-पालपुर सेंक्चुरी के नाम पर वहां से आदिवासियों को विस्थापित कर दिया गया, लेकिन अब यह आंदोलन शेरों को लाने के लिए किया जा रहा है।

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